गुरु, रवि और मंगल तीनों, नर ग्रह भी कहलाते है। शनि, राहू और केतू तीनों, पापी ग्रह बन जाते है।
शुकर लक्ष्मी, चंदर माता, दोनों स्त्री होते है।
नेकी बदी दो मंगल भाई, शहद ज़हर दो मिलते है। बद लालच गर दुनिया मारे, नेक दान को गिनते है।
मंगल दो तरह का होता है। एक मंगल बद खराब मंगल दूसरा मंगल नेक अच्छा मंगल
राहू और केतू को पाप या पापी ग्रहों के नाम से जाना जाता है। जब सनीचर को किसी भी तरह राहू या केतू का साथ मिल रहा हो तो सनीचर भी पापी ही गिना जाएगा।
वैसे राहू, केतू व सनीचर तीनों ही ग्रहों का इक्ठा नाम पापी है ।