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KP Astrology – Source of Earning

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KP Astrology – Source of Earning

Source of Earning

द्वितीय भाव का उपनक्षत्र स्वामी जिस भाव समूह का कार्येश हो , उस भाव समूह के जरिये जो कारोवार बताये जाते हैं , उनके जरिये धन कमाते हैं ।

धन स्थान का उपनक्षत्र स्वामी पैसा कैसे कमाए लग्न , सप्तम और दशम भाव का कार्येश हो , तव अपने कारोबार में धन – मिलता है ।

यह उपनक्षत्र स्वामी षष्ठ और दशम का कार्येश हो , तब नौकरी ,

अगर द्वितीय और 3 तृतीय भाव का कार्येश हो , तो लेखन , छपाई , एजन्सी , कमीशन एजेंट , रिपोर्टर , सेल्समन , छोटी यात्रा संस्थायें ।

अगर द्वितीय और 4 चतुर्थ भाव का कार्येश हो , तो जमीन , घर , वाहन शिक्षा संस्था बगीचे ,

द्वितीय और 5 पंचम का कार्येश हो , तो नाटक , सिनेमा , खेल , रेस , जुआ , कला , मंत्र तंत्र पुरोहित ।

द्वितीय और 6 षष्ठ का कार्येश हो , तो ऋण , साहूकारी , पालतू जानवर , मुर्गी पालना , दवाए , होटल आदि ।

द्वितीय और 7 सप्तम का कार्येश हो , तो विवाह , विवाह मंडल , पार्टनर , पार्टनरशिप , कानूनी सलाहकार आदि ।

द्वितीय और 8 अष्टम का कार्येश हो , तो जीवन बीमा , दुर्घटना बीमा , पुश्तैनी जायदाद का हक , वोनस , फंड आदि ।

द्वितीय और 9 नवम स्थान का कार्येश हो तो इंपोर्ट – एक्सपोर्ट कारोवार , ग्रंथ प्रकाशन , विदेश यात्रा संस्था , धार्मिक संस्थायें , मंदिर आदि ।

द्वितीय और 10 दशम का कार्येश हो , तो सरकार , सरकारी नौकरी , अच्छे कारोबार , नेता , नेतागिरी ।

द्वितीय और 11 लाभ का कार्येश हो , तो धन की चिंता नहीं होती , पैसा कमाने के लिए अधिक कष्ट नहीं करने पडते , दोस्त फौरन सहायता करते हैं , रेस लॉटरी के जरिये अचानक धनलाभ होता हैं , कम निवेश कर अधिक मुनाफा पाते हैं ।

द्वितीय और 12 व्यय स्थान का कार्येश हो , तो होस्टल , जेल , अस्पताल , शमशान , गूढ विद्या आदि के जरिये धन कमाते हैं ।

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