1 House प्रथम भाव
1 House प्रथम भाव से साधारण तौर पर स्वास्थ्य , सर , मस्तिष्क , स्वभाव , आयु आदि के बारे में जानकारी मिलती हैं ।
परंपरागत प्रणाली में लग्नेश , लग्न में स्थित ग्रह तथा उनके साथ अन्य ग्रहों के शुभ अशुभ योग आदि का विचार , उपरोक्त फल बताते हुए किया जाता हैं ।
कृष्णमूर्ती प्रणाली में प्रथम भाव के SL उपनक्षत्र स्वामी को अहमीयत दी गई हैं ।
प्रथम भाव का SL उपनक्षत्र स्वामी जिन भावों का प्रमुख कार्येश होता हैं , उस भाव से प्राप्त होनेवाले फल से संबंधित बातों से जातक को आकर्षण , चाह या कशिश होती हैं ।
अर्थात यह कि प्रथम भाव का SL उपनक्षत्र स्वामी
द्वितीय का कार्येश हो , तब घन , परिवार और खान – पान से जातक को आकर्षण होता हैं ।
तृतीय का कार्येश हो , तव भाई बहन का प्यार , यात्रा , लेखन तथा हमेशा बदलाव पसंद करते हैं , पराक्रम , साहस आदि ।
चतुर्थ का कार्येश हो तब माँ का प्यार , शिक्षा क्षेत्र , घर , वाहन आदि के प्रति आकर्षण ।
पंचम का कार्येश हो , तब संतान का प्यार , पूजा पाठ , ध्यान धारणा सट्टा , ऐष , चित्र , नाटक , कला आदि के प्रति आकर्षण ।
षष्ठ का कार्येश हो तव वीमारी, नौकरी में वक्त के पावंद , सेवा करने की वृत्ति , पालतू जानवर पसंद , मामा के घर के प्रति अधिक लगाव ।
सप्तम का कार्येश हो , तव पति – पत्नी में प्यार , कारोबारी सोच , पार्टनरशिप आदि का आकर्षण ।
अष्टम का कार्येश हो , तव दुर्घटना का दर्शक , डरपोक , कई बातें छुपाकर रखते हैं , वेहद उलझे हुए , कामचोर।
नवम का कार्येश हो , तब पिता का प्यार , गुरु के प्रति निष्ठा , ईश्वर पर श्रद्धा , यात्रा करना पसंद , अध्यात्म , धर्म , पुराण , न्यायसंस्था आदि का आकर्षण ।
दशम का कार्येश हो तव , अधिकार पसंद , सम्मान से जीना पसंद , अभिमानी , कारोवारी सोच , राजनीति में रुचि ।
लाभ का कार्येश हो , तब कई दोस्त , मुनाफे वाले कारोबार में निवेश , हमेशा खुश , जल्दी सफलता हासिल करने के तरीके अपनाते हैं ।
व्यय का कार्येश हो तब घूमना पसंद , काफी देर तक सोते हैं , आलसी , अकेलापन पसंद , बैरागी जैसी सोच , विदेश का आकर्षण ।
अधिक जानकारी के लिए आप इन्हें ग्रहों के साथ संबंध कर कर भी समझ सकते हैं।
जैसे कि प्रथम भाव का SL उपनक्षत्र नक्षत्र स्वामी यदि चतुर्थ भाव का कार्यश तब मां घर जमीन वाहन शिक्षा आदि से लगाव होता है।
परंतु यदि प्रथम भाव का SL उपनक्षत्र नक्षत्र स्वामी चंद्र हो तो मां से ज्यादा लगाव होगा।
अगर बृहस्पति हो या बुध हो तो शिक्षा से ज्यादा लगाव होगा।
अगर मंगल हो या शनि हो तो जमीन या मकान से ज्यादा लगाव होगा और अगर शुक्र हो तो वाहन सुख से ज्यादा लगाव होगा।